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शहीदअमृता देवी बिश्नोई रजपुुुतीआण टुट गई तिरिया परवार सुन रहे हैं हम भी मैं भी तो लड़कों जैसी हूँ थके-थके से शब्द हैं तो भी डर भी पर लगता तो है न

Hindi सिर छांटें रूख़ रहे तो भी सस्त Poems